अद्भुत पर्यावरण महोत्सव में एक साथ लगाए 1008 पौधे
पर्यावरण यात्रा में दिया प्रकृति को सहेजने का संदेश,
सर्व धर्म सभा से आचार्य प्रज्ञासागरजी ने दी पेड-पौधे लगाने की सीख
सुसनेर। शुक्रवार का दिन पर्यावरण संरक्षण के नाम रहा, पहली बार पर्यावरण संरक्षण को लेकर शहर में अनुठा आयोजन किया गया। जैन आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज के सानिध्य में एक ही दिन में सर्व धर्म सभा, पर्यावरण यात्रा व वृहद पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय आयोजन का साक्षी पूरा नगर बना। 1 करोड पौधे लगाने का संकल्प लेकर पद यात्रा कर रहे आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज के सानिध्य में दोपहर 2 बजे त्रिमूर्ति मंदिर में सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया। उसके पश्चात पर्यावरण यात्रा निकाली गई। जिसमें युवक, युवतीया, महिलाएं बच्चे और बुढे तथा आम नागरिको व जनप्रतिनिधियो ने पौधे हाथो में लेकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और स्वामी विवेकानंद कॉलेज परिसर में एक साथ 1008 से अधिक पौधे रोपित करके वृक्षारोपण के मामले में जिले में एक रिकार्ड कायम किया। इस आयोजन में सांसद रोडमल नागर, पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह व बद्रीलाल सोनी, नप अध्यक्ष प्रतिनिधि राहुल सिसोदिया व अन्य अतिथि मोजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ललित सांवला और आशीष त्यागी ने किया और आभार त्रिमूर्ति मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महावीर जैन सालरिया ने माना। इस आयोजन में सभी धर्मो के लोगो ने सहभागीता की।
ये रहे आकर्षण का केन्द्र
पर्यावरण यात्रा में वृक्षो से सजी झांकी में भारत माता, स्कूल बैंड व हाथो में विभिन्न प्रजाति के पोधे लिए स्कूली बच्चे, महिलाएं, युवतीया व नगरवासी आकर्षण का का केन्द्र बिन्दु थे। सबसे आगे बैंड चल रहा था जिस पर पर्यावरण संरक्षण के भजन गाये जा रहे थे।
प्रकृति से जुडकर जीना सिखिए, पेड-पौधो से ही हमरा जीवन है: प्रज्ञासागर जी
सर्व धर्म सभा में आचार्य प्रज्ञासागरजी ने कहा की प्रकृति से जुड़कर के जीना सीखिये, इनकी जड़े हमे औषधी देती है, ये फल देते है फूल देते है, क्या नही देते है। पेड़ कितना ही बूढा क्यो न हो जाये व फल नही तो छाव तो जरूर देता है, जिस दिन हमारा पृथ्वी पर अंतिम दिन होगा उस दिन हमारा अंतिम संस्कार भी पेड़ की लकड़ियों से ही होगा। उन्होने कहां की मरना सभी को है, मरने के बाद हमारे संस्कार के लिए जीवित रहे इसलिए हम जीते जी 10 पेड़ अवश्य लगाएं। पर्यावरण सुरक्षित रहे। पेड़ का फल सभी धर्म को मिलता है। ये भेदभाव नही करते है, हम भी सभी मिलकर एकता का संदेश देते है इसलिए हम भी प्रकृति को सहेजने वृक्षारोपण करे। हम आने वाली पीढियो के लिए अभी से कुछ करके जाए। वृक्षो ने हमारे लिए वह दिया जो कार्बनडाई आक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करती है। हमारी जिंदगी के लिये, हमारे जीवन के लिए ये पेड़-पौधे कितने आवश्यक है, इनके बिना तो हमारा जीवन ही सम्भव नही है।
देश को 500 करोड पौधो की आवश्यकता
उन्होने कहां की पतझड़ में सारे पत्ते झड़ जाते है हमारी तरह पेड़ दिगम्बर हो जाते हैं। हमारी रक्षा-सुरक्षा के लिए हमारे जीवन के लिए पेड़ पौधों ने पत्तो का त्याग कर दिया। गर्मी के दिनों में यदि पेड़ पौधे हरे भरे नही होंगे तो न जीव जंतु बचेगे और न ही मानव बचेंगें। हमारा लक्ष्य 1 करोड़ वृक्ष लगाने का है। इस देश को 400 से 500 करोड़ वृक्षो की आवश्यकता है। तेज गति से पेड़ कटते रहे तो तापमान और बढ़ जाएगा। कुछ दिनो पूर्व दिल्ली का तापमान 52 डिग्री पहुँच गया था हम लोग तो 45-47 डिग्री में ही परेशान हो जाते है। इस तापमान को कम करने के लिये हमें पेड़ लगाने की आवश्यकता है।