दो विक्रम सिंह राणा सुसनेर विधानसभा से लड़ रहे चुनाव, एक का चुनाव चिन्ह कमल तो दूसरे का गोभी का फूल

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सुसनेर। आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा सीट पर नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद कुल 8 प्रत्याशी मैदान में शेष बचे है। राष्ट्रीय पार्टियों के 3 प्रत्याशियों के अलावा 5 निर्दलीय प्रत्याशी इस बार चुनावी मैदान में उतरे है। सुसनेर विधानसभा सीट पर बीते चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बड़े अंतर से विजयी हुए थे, जिससे इस सीट पर कुछ भी सम्भव होने की सम्भवना देखते हुए 5 उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में अपना नामंकन भर मैदान फतेह करने चुनावी रण में कूद गए है। टिकिट न मिलने पर कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे जीतु पाटीदार “कांच का गिलास” चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ रहे है। तो वहीं लगातार उपेक्षाओं से नाराज होकर बीजेपी से बागी हुए बीजेपी के पूर्व विधायक व संघ के प्रचारक रहे संतोष जोशी चुनाव में जीत हांसिल करने की मंशा लेकर निर्दलीय चुनाव में उतर गए है। संतोष जोशी को चारपाई चुनाव चिन्ह मिला है, जिसके प्रचार में वो गांव गांव घूमने में लग गए है।

इस बार 2 विक्रम सिंह राणा चुनावी मैदान में


इनके अलावा राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी ने इस बार कांग्रेस से बीजेपी में आए वर्तमान विधायक विक्रम सिंह राणा पर अपना दांव खेला है। तो वहीं इन्ही के मिलते जुलते नाम के नहारखेड़ा निवासी विक्रम सिंह राणा भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे है, दोनो विक्रम सिंह में से एक का चुनाव चिन्ह कमल का फूल है तो निर्दलीय खड़े हुए दूसरे विक्रम सिंह का चुनाव चिन्ह फूल गोभी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रो में 2 विक्रम सिंह राणा के कारण कुछ प्रतिशत गफलत की स्थिति भी बन सकती है।


सुसनेर विधानसभा सीट पर अन्य 2 राष्ट्रीय पार्टियों की बात करें तो कांग्रेस ने भैरो सिंह परिहार बापु को चुनाव मैदान में उतारा है जिन्हें हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह मिला है, वहीं बीएसपी ने नवीन मिश्रा को हाथी के चुनाव चिन्ह पर उतारा है। इनके अलावा शेष बचे निर्दलीय मोहसिन भानेज को हाकी और बाल व रामेश्वर मंडलोई को ब्लेक बोर्ड चुनाव चिन्ह मिला है।

निर्दलीयों से गड़बड़ाया समीकरण


निर्दलीयों के दमखम से चुनाव मैदान में उतरने से सुसनेर विधानसभा सीट का गणित इस बार पूरी तरह गड़बड़ा गया है, अच्छे अच्छे जानकार इस सीट पर किसी भी उम्मीदवार की पक्की जीत का दावा नहीं कर पा रहे है। जानकारों के अनुसार दोनो ही पार्टियों से बागी हुए निर्दलीयों के कारण अभी तक कि स्थति में वोटों में बंटवारा होने पर कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी के वोटो को नुकसान ज्यादा पहुंच सकता है। खेर परिणाम जो कुछ भी निकले लेकिन मुकाबला बड़ा रोचक हो गया है।

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